तिरस्कार, अपमान, शब्दों की चोट, न समझ पाने वाली भा | हिंदी Video

"तिरस्कार, अपमान, शब्दों की चोट, न समझ पाने वाली भावनाएं ..... ये सब एकत्रित होते होते संग्रहित हो जाती है , जो वक्त के साथ प्रेम की छवि धूमिल करने लगती है हृदय से ! किसी के प्रति प्रेम की उत्पत्ति अचानक ही होती है लेकिन , प्रेम की मृत्यु कभी भी अचानक नही होती ! उपेक्षाओं और अपेक्षाओं का दंश झेलते झेलते , आहिस्ता आहिस्ता से प्रेम की समाप्ति होती है ! प्रेम पूर्णतः कभी समाप्त नही होता , बस गलतफहमी के कारण धूल की गर्त में समा जाता है ! ©Devil "

तिरस्कार, अपमान, शब्दों की चोट, न समझ पाने वाली भावनाएं ..... ये सब एकत्रित होते होते संग्रहित हो जाती है , जो वक्त के साथ प्रेम की छवि धूमिल करने लगती है हृदय से ! किसी के प्रति प्रेम की उत्पत्ति अचानक ही होती है लेकिन , प्रेम की मृत्यु कभी भी अचानक नही होती ! उपेक्षाओं और अपेक्षाओं का दंश झेलते झेलते , आहिस्ता आहिस्ता से प्रेम की समाप्ति होती है ! प्रेम पूर्णतः कभी समाप्त नही होता , बस गलतफहमी के कारण धूल की गर्त में समा जाता है ! ©Devil

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