a-person-standing-on-a-beach-at-sunset शीर्षक - शाम
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समुद्र की लहरें मस्त लगती हैं।
सूर्यास्त की बात निराली होती है।
जीवन और कुदरत सब समझते है।
सूर्यास्त की सोच हमें कहतीं हैं।
उगना और डुबना सांसारिक हैं।
सच सोच हमारी अपनी होती हैं।
रंगमंच की राह पर हम चलते हैं।
सूर्यास्त और हम एक सच कहते हैं।
जन्म और मरण भी सच रहता है।
मोह माया के साथ हम खो जाते हैं।
सच तो जिंदगी में सूर्यास्त होता हैं।
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नीरज कुमार अग्रवाल चंदौसी उ.प्र
©Neeraj kumar Agarwal
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