हर एक दिन कल बेहतर होगा इस उम्मीद पर गुज़ारा था,
पर वो कल कभी मेरी दहलीज पर आया ही नही, किसका इंतज़ार है मुझे?
छोटी सी खुशी का या किस्मत बदल जाने का कश्मकश अब हद्द पार कर चुकी,
उम्मीद भी दामन छोड़ गुज़र चुकी,
धड़कनों ने अब हालात बदलने की गवाही से इंकार कर दिया,
क्या ये काम है के मैं अब भी जिंदा हुं,
हालातों की जंग में मैं अब भी शामिल हुं
ख़ुदा की रज़ा में खुश रहने वाली अब अपनी ही रज़ा नहीं समझ पा रही
ख़ामोशी मेरा सवाल भी ही है और जवाब भी है.....
@deepalidp
©Deepali dp
#deepalidp #rahaterooh #mojzamiracle #Dilkibaatein