हर कोई तलाश में हैं, अपने शिकार के कोई जमीन में त | हिंदी शायरी

"हर कोई तलाश में हैं, अपने शिकार के कोई जमीन में तो कोई पानी में, सच के साथ झूठ भी जोड़ना होता हैं कमलेश हर किसी कहानी में। l ©Kamlesh Kandpal"

 हर कोई तलाश में हैं, अपने शिकार के 
कोई जमीन में तो कोई पानी में,

सच के साथ झूठ भी जोड़ना होता हैं 
कमलेश हर किसी कहानी में।


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©Kamlesh Kandpal

हर कोई तलाश में हैं, अपने शिकार के कोई जमीन में तो कोई पानी में, सच के साथ झूठ भी जोड़ना होता हैं कमलेश हर किसी कहानी में। l ©Kamlesh Kandpal

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