Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीज | हिंदी शायरी

"Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए। अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी, उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए। जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में, उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर"

 Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए,
अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए।
मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई,
उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए।

अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी,
उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए।
जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में,
उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर

Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए। अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी, उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए। जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में, उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए। ©नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर
जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए,
अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए।
मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई,
उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए।

अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी,
उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए।

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