सूर्योदय की अरुणिमा रक्तिम प्रकाश अलौकिक छटा से भ | मराठी कविता Video

"सूर्योदय की अरुणिमा रक्तिम प्रकाश अलौकिक छटा से भरा आकाश। पंछी करें कलरव उड़े एक कतार। पुष्प गुंथ भक्त निर्मित करें हार। मधुरस घोलती मंद बहे बयार। नाविक जोहे बाट जावे कोई नदिया पार। जागी दुनियाँ सारी निकले लोग करने काज। सब प्रकट हो जाता जब आता सूरज का राज। ©Kamlesh Kandpal "

सूर्योदय की अरुणिमा रक्तिम प्रकाश अलौकिक छटा से भरा आकाश। पंछी करें कलरव उड़े एक कतार। पुष्प गुंथ भक्त निर्मित करें हार। मधुरस घोलती मंद बहे बयार। नाविक जोहे बाट जावे कोई नदिया पार। जागी दुनियाँ सारी निकले लोग करने काज। सब प्रकट हो जाता जब आता सूरज का राज। ©Kamlesh Kandpal

#Sunrise

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