बहुत सारे लोग हमारे इस उम्र मे...चमक रहे।
कुछ...चांद-सुरज की तरह
कुछ...तारे-सितारें की तरह
कुछ...हीरे- मोती की तरह
कुछ...सोने-चांदी की तरह
कुछ...नेता-अभिनेता की तरह
और..." मैं कौन हूँ "
कि...जिसका ख्वाहिश भी है तो, एक जुगनू की,
मगर...अफसोस कि,अभी तक सही कनेक्शन नही हुआ !!
सादर :- अरूण कुमार