ढूंढ लेंगे तुझको कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसम | हिंदी Poetry

"ढूंढ लेंगे तुझको कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही जाने ना देंगे यूं मुंह मोड़ कर तन्हा मुझको अकेले छोड़ कर लगी है अगन तो बुझाएंगे भी जगी प्यास तो पिलाएंगे भी । दुःख हुआ अगर तो जालिमा कतरा कहर का कर देंगे जमा । फैले हुए हाथों को भी जोड़कर इच्छा जवानी की सब फोड़कर मिलेगी तू मुझे कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही । ©Ajay Tanwar Mehrana"

 ढूंढ लेंगे तुझको कहीं ना कहीं 
जमीं पर नहीं तो आसमां सही 
जाने ना देंगे यूं मुंह मोड़ कर 
तन्हा मुझको अकेले छोड़ कर 

 लगी है अगन तो बुझाएंगे भी 
जगी प्यास तो पिलाएंगे भी ।
 दुःख हुआ अगर तो जालिमा 
कतरा कहर का कर देंगे जमा ।

फैले हुए हाथों को भी जोड़कर 
इच्छा जवानी की सब फोड़कर
मिलेगी तू मुझे कहीं ना कहीं 
जमीं पर नहीं तो आसमां सही ।

©Ajay Tanwar Mehrana

ढूंढ लेंगे तुझको कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही जाने ना देंगे यूं मुंह मोड़ कर तन्हा मुझको अकेले छोड़ कर लगी है अगन तो बुझाएंगे भी जगी प्यास तो पिलाएंगे भी । दुःख हुआ अगर तो जालिमा कतरा कहर का कर देंगे जमा । फैले हुए हाथों को भी जोड़कर इच्छा जवानी की सब फोड़कर मिलेगी तू मुझे कहीं ना कहीं जमीं पर नहीं तो आसमां सही । ©Ajay Tanwar Mehrana

जमीं पर नहीं तो आसमां सही sad poetry hindi poetry on life

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