कोई और भी मेरे किरदार में मिला मुझे
पुराना जानकार जो बाजार में मिला मुझे।
ख्वाहिशों ने फिर सर अपना उठा लिया
आलम हमाहमी कू ए यार में मिला मुझे।
ये गर्द राह की, ये रोशनाई रात की
इक दौर ए गुजश्ता इंतजार में मिला मुझे।
पर्दाकुशाई राज़-ए-दिल से दिल करता रहा
ये हिज्र भी तो विसाल-ए-यार में मिला मुझे।
दिले इज़तिराब पर तस्कीन हो गई "जग्गी"
दिल फिर इज़तिराब ए यार में मिला मुझे।
©Jagjeet Singh Jaggi... ख़्वाबगाह...!
#boat