ना दिल पे लिखूंगा, ना मंज़िल पे लिखूंगा लबों पे लिख | हिंदी शायरी

"ना दिल पे लिखूंगा, ना मंज़िल पे लिखूंगा लबों पे लिखूंगा, ना मुकतहिल पे लिखूंगा मुतासिर किया है, तेरे रुख़सार नें बहोत इक गज़ल मैं तेरे, गालों के तिल पे लिखूंगा ~ ©joshi joshi diljala"

 ना दिल पे लिखूंगा, ना मंज़िल पे लिखूंगा
लबों पे लिखूंगा, ना मुकतहिल पे लिखूंगा 
मुतासिर किया है, तेरे रुख़सार नें बहोत 
इक गज़ल मैं तेरे, गालों के तिल पे लिखूंगा
~

©joshi joshi diljala

ना दिल पे लिखूंगा, ना मंज़िल पे लिखूंगा लबों पे लिखूंगा, ना मुकतहिल पे लिखूंगा मुतासिर किया है, तेरे रुख़सार नें बहोत इक गज़ल मैं तेरे, गालों के तिल पे लिखूंगा ~ ©joshi joshi diljala

People who shared love close

More like this

Trending Topic