White मिट रही विभावरी, प्राण निकलता जा रहा है खेद | English Video

"White मिट रही विभावरी, प्राण निकलता जा रहा है खेद औ विपदा कैसी,विहान उगता आ रहा जिजीविषा जगी, कर रही श्रृंगार प्रकृति का हस्तलकीरें बनी है जैसे दे रही संदेश सुख का सुखद क्षण आएगा, कर्ण में अलि गीत गा रहा ©Shilpa Yadav"

White मिट रही विभावरी, प्राण निकलता जा रहा है खेद औ विपदा कैसी,विहान उगता आ रहा जिजीविषा जगी, कर रही श्रृंगार प्रकृति का हस्तलकीरें बनी है जैसे दे रही संदेश सुख का सुखद क्षण आएगा, कर्ण में अलि गीत गा रहा ©Shilpa Yadav

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जिजीविषा जगी, कर रही श्रृंगार प्रकृति का
हस्तलकीरें बनी है जैसे दे रही संदेश सुख का
सुखद क्षण आएगा, कर्ण में अलि गीत गा रहा

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