तन का मैल,पानी से धुले मन का धुले आत्म ज्ञान से, | हिंदी कविता

"तन का मैल,पानी से धुले मन का धुले आत्म ज्ञान से, जीवन तो नश्वर है यारा क्या करोगे झूठी पहचान से। ©Kamlesh Kandpal"

 तन का मैल,पानी से धुले 
मन का धुले आत्म ज्ञान से,
जीवन तो नश्वर है यारा 
क्या करोगे झूठी पहचान से।

©Kamlesh Kandpal

तन का मैल,पानी से धुले मन का धुले आत्म ज्ञान से, जीवन तो नश्वर है यारा क्या करोगे झूठी पहचान से। ©Kamlesh Kandpal

#aatmgyan

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