"भीगी तेरी निगाहों से बहता काजल अगर बचा ना सका ,
सुनकर तेरे सिसकने की आवाज तेरे शहर अगर आ ना सका|
तो लानत है मुझे मेरे वजूद पर की एक मर्द हूं मै..........
दिखा कर तुझे सात फेरों का सफर अगर मै निभा ना सका ||
" मुसाफ़िर " ( Ankur bhardwaj)....🖋️
©' मुसाफ़िर '"