राह पर आने को तैयार नहीं है कोई राह पर भटके हुए लो | हिंदी शायरी

"राह पर आने को तैयार नहीं है कोई राह पर भटके हुए लोगों को लाऊं कैसे ©Uzair Khan Firozabadi"

 राह पर आने को तैयार नहीं है कोई
राह पर भटके हुए लोगों को लाऊं कैसे

©Uzair Khan Firozabadi

राह पर आने को तैयार नहीं है कोई राह पर भटके हुए लोगों को लाऊं कैसे ©Uzair Khan Firozabadi

uzair Khan Firozabadi
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