White ना पूछो
उन रस्तों का हाल
बिन तेरे
सब सूने सूने
अब चलता हूं
जब उन पर मैं
ना जाने क्यों
आयें तेरे ख्याल
वृक्षों पर लिखे थे
जो अपने नाम
नाम क्या अब तो
वृक्ष ही कट गए
सड़कों के नीचे
पैरों के निशां दब गए
उम्र बीत गई अब तो
तुमने तो आना था
वर्षों पहले
इक शाम
©Kanwaljit Bhullar
#Road