Unsplash वृक्ष क़ी नंगी टहनी से सभी पत्ते गिर चुके | हिंदी Shayari

"Unsplash वृक्ष क़ी नंगी टहनी से सभी पत्ते गिर चुके थे मै समझ गया कि बसंत जा चुका और अब पतझड़ अपने पैर पसार रहा ये ख्वाहिशे भी किस कदर अजीब हैँ. माना कि वे मुझसे खफा नही थीं फिर भी मै उनकी मनुहार करता रहा ©Parasram Arora"

 Unsplash वृक्ष क़ी नंगी टहनी 
से सभी पत्ते गिर चुके थे 
मै  समझ गया कि बसंत  
जा चुका  और अब
 पतझड़  अपने पैर पसार रहा 


ये ख्वाहिशे भी किस 
कदर अजीब हैँ.
माना कि वे मुझसे 
खफा नही थीं फिर भी
 मै उनकी मनुहार करता रहा

©Parasram Arora

Unsplash वृक्ष क़ी नंगी टहनी से सभी पत्ते गिर चुके थे मै समझ गया कि बसंत जा चुका और अब पतझड़ अपने पैर पसार रहा ये ख्वाहिशे भी किस कदर अजीब हैँ. माना कि वे मुझसे खफा नही थीं फिर भी मै उनकी मनुहार करता रहा ©Parasram Arora

#camping मनुहार

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