लफ़्ज़ों के ये नगीने तो निकले कमाल के ग़ज़लों ने | हिंदी Shayari

"लफ़्ज़ों के ये नगीने तो निकले कमाल के ग़ज़लों ने ख़ुद पहन लिए ज़ेवर ख़याल के ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फंसू ऐ मेरी आरज़ू मुझे ले चल संभाल के' ©Md Asfaq Alam"

 लफ़्ज़ों के ये नगीने तो निकले कमाल के 
ग़ज़लों ने ख़ुद पहन लिए ज़ेवर ख़याल के 

ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फंसू 
ऐ मेरी आरज़ू मुझे ले चल संभाल के'

©Md Asfaq Alam

लफ़्ज़ों के ये नगीने तो निकले कमाल के ग़ज़लों ने ख़ुद पहन लिए ज़ेवर ख़याल के ऐसा न हो गुनाह की दलदल में जा फंसू ऐ मेरी आरज़ू मुझे ले चल संभाल के' ©Md Asfaq Alam

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