जय परमेश्वर
यह.सोदागर महाजन दुनीयांके नांमका पाप-बराबर-करारहेहें परंन्तु, राजा!बादशाहको ओर संसारके लोगोंको;ईन;सोदागरांनके जालकी बीलकुल खबरनहीहे किदुनीयांमे?क्याहोरहाहे ओर क्यानहीहोरहाहे?परंन्तु मुझकोतो ईन.बनायोंके,जालकी,अब खबरपङीहे ईससे में तुमको ओर सब-संसारको-ईन; बनीयोंके जालसे वाकीफकरताहूं...... ( ६५ )
अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी-
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
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©JAGAT HITKARNI 274
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