कोहरा कैसे हटाऊँ जिंदगी से कि रोशनी का पता नहीं | हिंदी शायरी

"कोहरा कैसे हटाऊँ जिंदगी से कि रोशनी का पता नहीं अंधेरे जो मुक़्क़दर समझ बैठे हैं उनकी भी तो कोई खता नहीं ©Kamlesh Kandpal"

 कोहरा कैसे हटाऊँ जिंदगी से 
कि रोशनी का पता नहीं 
अंधेरे जो मुक़्क़दर समझ बैठे हैं 
उनकी भी तो कोई खता नहीं

©Kamlesh Kandpal

कोहरा कैसे हटाऊँ जिंदगी से कि रोशनी का पता नहीं अंधेरे जो मुक़्क़दर समझ बैठे हैं उनकी भी तो कोई खता नहीं ©Kamlesh Kandpal

#kohra

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