"सारी दुनियाँ भुलानी है एक दिन
सूखी पलकें भीगानी है एक दिन
हँसलो आज मुझपर जी भरके
ये कायनात रुलानी है एक दिन
क्यों देते हो मुझे जीते रहने की दुवा
जब पता है मौत आनी है एक दिन
रिश्ते नाते सब खोखले हो जायेंगे
लाश अपनों ने जलानी है एक दिन
किस बात का गुमान करते हो यारों
जान सबको गँवानी है एक दिन
जहाँ भीं जाओ बस प्यार लुटाओ
ये हस्ती तों मिट जानी है एक दिन
____महेन्दर बाबू अल्मोड़ा!
©mahendra babu almora
"