किसी को संवारते हुए खुद ही को उजाड़ दूंगी लगा नही | हिंदी विचार Video

"किसी को संवारते हुए खुद ही को उजाड़ दूंगी लगा नही था कभी किसी के सपने को जीते हुए खुद ही को हार जाऊंगी लगा नही था कभी हर सख्ती से लड़ते हुए हर तख्ती से कहते हुए हर दुआ में बस उसी को मांगते हुए हर मंजर को सजाते हुए खिलते फूलो की बगिया लगाते हुए खुद ही मुरझा जाऊंगी ak दिन लगा नही था कभी हर रूखे अंदाजा में सजे तेरे लफ्जो की शायरियो से भरे कागजों को हर बार मिटाते हुए खुद ही यूं मिट जाऊंगी लगा नही था कभी हर चोट को सहलाते हुए हर जख्म को दवाते हुए बिना मनाए खुद को मनाते हुए सब संभाल लूंगी हर मंजर को कहते हुए खुद से खुद को कहानी सुनाते हुए खुद ही कहानी बन जाउंगी लगा नही था कभी ©Pini KUMAWAT "

किसी को संवारते हुए खुद ही को उजाड़ दूंगी लगा नही था कभी किसी के सपने को जीते हुए खुद ही को हार जाऊंगी लगा नही था कभी हर सख्ती से लड़ते हुए हर तख्ती से कहते हुए हर दुआ में बस उसी को मांगते हुए हर मंजर को सजाते हुए खिलते फूलो की बगिया लगाते हुए खुद ही मुरझा जाऊंगी ak दिन लगा नही था कभी हर रूखे अंदाजा में सजे तेरे लफ्जो की शायरियो से भरे कागजों को हर बार मिटाते हुए खुद ही यूं मिट जाऊंगी लगा नही था कभी हर चोट को सहलाते हुए हर जख्म को दवाते हुए बिना मनाए खुद को मनाते हुए सब संभाल लूंगी हर मंजर को कहते हुए खुद से खुद को कहानी सुनाते हुए खुद ही कहानी बन जाउंगी लगा नही था कभी ©Pini KUMAWAT

#kinaara

People who shared love close

More like this

Trending Topic