Dear Problems चंद लम्हों की तो बात है, ये 'साल' भी गुज़र जाएगा
सब्र रख तेरे 'जख्मों' पे , ये वक्त ही 'मरहम' लगाएगा...
नए बरस और नए जख्म के दर्दों को भी तो 'सीना' है,
अभी से क्यूं तेरी आंखे नम है, अभी तुझे और 'जीना' है....
बीत गया जो पीछे रख दे, आगे की तू बात कर,
जिसपे तेरा बस नहीं, ना उसपे तू 'पश्चाताप कर
ये साल बुरा तो क्या , नया वक्त तेरा भी आएगा
चंद लम्हों की तो बात हूं ये 'साल' भी गुजर जाएगा
#poem
#चंद_लम्हों_की_तो_बात_है