ये ख़्वाब मुकम्मल हो जाते है मुकद्दर से,, वरना ये | हिंदी शायरी

"ये ख़्वाब मुकम्मल हो जाते है मुकद्दर से,, वरना ये बनते ही है टूटने को,, ©@Lakhan Yadav"

 ये ख़्वाब मुकम्मल हो जाते है मुकद्दर से,, 
वरना ये बनते ही है टूटने को,,

©@Lakhan Yadav

ये ख़्वाब मुकम्मल हो जाते है मुकद्दर से,, वरना ये बनते ही है टूटने को,, ©@Lakhan Yadav

🙂

#brokenheart

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