White तेरी चाहत में हम दीवाने हो गए, तेरी यादों के | हिंदी कविता

"White तेरी चाहत में हम दीवाने हो गए, तेरी यादों के साए में बेगाने हो गए। पागलपन की हद तक तुझे चाहा हमने, तेरी बेवफाई से अब फ़साने हो गए। हर ख्वाब था तुझसे, हर बात थी तेरी, तूने तोड़ दी कसमें, वो रात थी घनेरी। अब ज़िंदगी की राहों में तन्हा चले हम, तेरी बेवफाई से कुरेदे ज़ख्म नए हो गए। हम पागल थे, जो तुझसे वफ़ा की उम्मीद की, तूने ही हमें इस दर्द की लत नई दे दी। अब न शिकवा, न शिकायत, कोई आरज़ू नहीं, तेरे बिना ये आँसू भी अपना रस्ता भूल गए। ©Ashok Verma "Hamdard""

 White तेरी चाहत में हम दीवाने हो गए,
तेरी यादों के साए में बेगाने हो गए।
पागलपन की हद तक तुझे चाहा हमने,
तेरी बेवफाई से अब फ़साने हो गए।

हर ख्वाब था तुझसे, हर बात थी तेरी,
तूने तोड़ दी कसमें, वो रात थी घनेरी।
अब ज़िंदगी की राहों में तन्हा चले हम,
तेरी बेवफाई से कुरेदे ज़ख्म नए हो गए।

हम पागल थे, जो तुझसे वफ़ा की उम्मीद की,
तूने ही हमें इस दर्द की लत नई दे दी।
अब न शिकवा, न शिकायत, कोई आरज़ू नहीं,
तेरे बिना ये आँसू भी अपना रस्ता भूल गए।

©Ashok Verma "Hamdard"

White तेरी चाहत में हम दीवाने हो गए, तेरी यादों के साए में बेगाने हो गए। पागलपन की हद तक तुझे चाहा हमने, तेरी बेवफाई से अब फ़साने हो गए। हर ख्वाब था तुझसे, हर बात थी तेरी, तूने तोड़ दी कसमें, वो रात थी घनेरी। अब ज़िंदगी की राहों में तन्हा चले हम, तेरी बेवफाई से कुरेदे ज़ख्म नए हो गए। हम पागल थे, जो तुझसे वफ़ा की उम्मीद की, तूने ही हमें इस दर्द की लत नई दे दी। अब न शिकवा, न शिकायत, कोई आरज़ू नहीं, तेरे बिना ये आँसू भी अपना रस्ता भूल गए। ©Ashok Verma "Hamdard"

#तेरी चाहत में हम दीवाने हो गए

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