अब तेरे लौटने की आस नहीं इसलिए भी यह दिल उदास नहीं | हिंदी Shayari Vid

"अब तेरे लौटने की आस नहीं इसलिए भी यह दिल उदास नहीं जितने नाखून बड़ा चुकी है वो मेरे सीने में उतना मास नहीं मैंने बेइज्जती नहीं की थी वैसे इज्जत भी उसको रास नहीं ©Amir Sohel "

अब तेरे लौटने की आस नहीं इसलिए भी यह दिल उदास नहीं जितने नाखून बड़ा चुकी है वो मेरे सीने में उतना मास नहीं मैंने बेइज्जती नहीं की थी वैसे इज्जत भी उसको रास नहीं ©Amir Sohel

#safar अब तेरे लौटने की आस नहीं
इसलिए भी यह दिल उदास नहीं
जितने नाखून बड़ा चुकी है वो मेरे सीने में उतना मास नहीं मैंने बेइज्जती नहीं की थी वैसे इज्जत भी उसको रास नहीं

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