आज तमस व्याप्त हुआ भारत के भूखंडो में,
अरिदल लगा हुआ आतंक फैलाने भारत में,
नेताओं को होश नहीं है भारतवर्ष बचाने को,
पूछ रही मां भारती, मेरा कर्ज कब चुकाओगे।
हर राष्ट्रहित के कार्यों में बाधा डाली जाती है,
स्वार्थ में राष्ट्रहित की तिलांजली दी जाती है,
निष्पक्ष नहीं कोई यहां, सब पक्षपाती हो चुके,
पूछ रही मां भारती, तुम मेरे पुत्र नहीं हो क्या ?
कट्टरता के आतंक से पीडित हो रही यह धरा,
आतंकवाद के पिल्लो से त्रस्त हो रही यह धरा,
अब समय आ गया शिवा के खड्ग धारण का,
पूछ रही मां भारती, सुप्तावस्था से कब जागोगे।
आज समस्याऐं भारत को जोरों से ललकार रही,
गरीबी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी से भारती जूझ रही,
इन सबका एक ही कारण अंग्रेज़ो की व्यवस्था है,
पूछ रही मां भारती, कब बनाओगे निज व्यवस्था।
नेतागिरी सबसे बडा कारण भारत की समस्या का,
ये ही सबसे बडी चुनौति भारत के इस जमाने का,
वंशवाद का बोलबाला है भारतवर्ष की राजनीति में,
पूछ रही मां भारती, कब मुक्त करोगे मुझको इनसे।
©Ayush Arya
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