"इक गलती की वजह से सब कुछ भुला के बैठ गया
सब दिये जला रहे थे मैं अपनी खुशियों को बुझा कर बैठ गया
लोंगों के समझ में न आया प्यार हमारा
तेरी खातिर सबसे लड़ने की ज़िद लेकर बैठ गया
~शिव"
इक गलती की वजह से सब कुछ भुला के बैठ गया
सब दिये जला रहे थे मैं अपनी खुशियों को बुझा कर बैठ गया
लोंगों के समझ में न आया प्यार हमारा
तेरी खातिर सबसे लड़ने की ज़िद लेकर बैठ गया
~शिव