हवा दरख्तों से कहती है दुःख के लहजे में,
अभी मुझे सहरों से गुज़रना है....
asad badayuni
2 Love
इक गलती की वजह से सब कुछ भुला के बैठ गया
सब दिये जला रहे थे मैं अपनी खुशियों को बुझा कर बैठ गया
लोंगों के समझ में न आया प्यार हमारा
तेरी खातिर सबसे लड़ने की ज़िद लेकर बैठ गया
~शिव
इक गलती की वजह से सब कुछ भुला के बैठ गया
सब दिये जला रहे थे मैं अपनी खुशियों को बुझा कर बैठ गया
लोंगों के समझ में न आया प्यार हमारा
तेरी खातिर सबसे लड़ने की ज़िद लेकर बैठ गया
~शिव
6 Love
झूठी हँसी ही सही लोगों के लिए हँसना पड रहा है
जो ख़ुशी है न उसको बचा कर रखना पड रहा है
कुछ खुशियाँ छीन लूंगा अपनों से इक विस्वास भी
लेकिन तू पास है अब भी इस से बड़ी ख़ुशी मेरे लिए हो नही सकती
तुझे देखना चाहता हूँ क्योंकि शायद ये आखरी पल हो
जब हम दोनों साथ खड़े होकर वो पल जी सके
हमे बताना था हमारा राज़ सभी को पर सोचा न था ऐसा भी होगा
वो राज़ तो सामने आएगा पर हमें जुदा न करदे
तुझसे बात किए बिना पल भर भी नहीं रह सकते
तुझसे दूर जाके भी जीना दुस्वार होगा हमे अपना डर नही है
पर तेरा बहुत है तूने इक झूट बुलवाया उस पल का बहुत है
जब वो बात सामने आएगी उसका बहुत है
पर तू सामने होगी साथ होगी इसकी ख़ुशी भी बहुत है
क्या कहूंगा नही जानता पर तू साथ होगी तो सब जान लेंगे
झूठी हँसी ही सही लोगों के लिए हँसना पड रहा है
जो ख़ुशी है न उसको बचा कर रखना पड रहा है
कुछ खुशियाँ छीन लूंगा अपनों से इक विस्वास भी
लेकिन तू पास है अब भी इस से बड़ी ख़ुशी मेरे लिए हो नही सकती
तुझे देखना चाहता हूँ क्योंकि शायद ये आखरी पल हो
जब हम दोनों साथ खड़े होकर वो पल जी सके
हमे बताना था हमारा राज़ सभी को पर सोचा न था ऐसा भी होगा
वो राज़ तो सामने आएगा पर हमें जुदा न करदे
तुझसे बात किए बिना पल भर भी नहीं रह सकते
तुझसे दूर जाके भी जीना दुस्वार होगा हमे अपना डर नही है
पर तेरा बहुत है तूने इक झूट बुलवाया उस पल का बहुत है
जब वो बात सामने आएगी उसका बहुत है
पर तू सामने होगी साथ होगी इसकी ख़ुशी भी बहुत है
क्या कहूंगा नही जानता पर तू साथ होगी तो सब जान लेंगे
4 Love
क्या कह दूँ उसकी ज़ुल्फ़ों के बारे में,जब जब वो लहराती है
इक सावन सा आता है दिल में,इक बारिश सी हो जाती है।।
कभी कभी तो इस मंजर में,अपना होश खो देता हूँ
तेरे पास आते आते, खुद को यूँ रोक लेता हूँ।।
बस पल भर के इस वक़्त को हम ऐसे जिया करते हैं
कुछ वक़्त बाद हम इनको याद करके फिर मिलने की ज़िद करते हैं।।
~शिव
क्या कह दूँ उसकी ज़ुल्फ़ों के बारे में,जब जब वो लहराती है
इक सावन सा आता है दिल में,इक बारिश सी हो जाती है।।
कभी कभी तो इस मंजर में,अपना होश खो देता हूँ
तेरे पास आते आते, खुद को यूँ रोक लेता हूँ।।
बस पल भर के इस वक़्त को हम ऐसे जिया करते हैं
कुछ वक़्त बाद हम इनको याद करके फिर मिलने की ज़िद करते हैं।।
~शिव
7 Love
चलो इक दर्द-ए-मंज़र बनाते है
तुम बेवफाई करो हम अपनी वफ़ाए आजमाते हैं
~शिव
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