बात सिर्फ इतनी नही
की हम जंगलों में बसे है
तुमने देखा नहीं
ये जंगल हम में बसे है
तुम समझ क्यों नही रहे
हमारी आत्मा एक है
हमारी पुश्तें एक साथ बढ़ें है
हम आज भी साथ साथ ही खड़े है
हम पेड़ों के बिना नही
पेड़ हमारे बिना नही
तुमने सोचा भी कैसे ??
हमसे हमारी जंगल ले सकते हो !!
उलगुलान !
उलगुलान !
©मिहिर
#World_Forest_Day