White ज़िन्दगी एक जुआ है
और इन्सान है यहां एक मदारी
खेल खेलती है समय यहां
उम्मीद पर टिकी है कहानी सारी
जो चल पड़ा उसे लोग सिकन्दर कहते हैं
जो रुक गया वोह है अनाड़ी
तरसती तन्हाई से पल को चुराकर
सितारों में जो गुम हो जाए
आंखों में रहकर भी जो गुमनाम कहलाए
क्या कहे ज़माना उसे
शायद , हां उसे कहते हैं लाचारी
क्या क्या रंग दिखाए जिंदगी यहां
कहीं इन्द्रधनुष है
कहीं बेरंग है यह दुनियां सारी
©Tafizul Sambalpuri
#sad_shayari @Vishalkumar "Vishal" @Mukesh Poonia