ज़ख़्म-ए-ताज़ातरीन का क्या हुआ!
बताओ तुम्हारे यक़ीन का क्या हुआ?
जिसमें हम तुम मिलने वाले थे!
फ़िल्म के उस सीन का क्या हुआ!
मुझको नई शोहरतें बख्शता रहा ख़ुदा!
पता नहीं मेरे मुखालफीन का क्या हुआ!
जवानी में कई आशिक़ थे जिस लड़की के!
कहो बुढ़ापे में उस हसीन का क्या हुआ!
आपस में लड़कर मर गये दो भाई!
फ़िर उनकी क़ीमती ज़मीन का क्या हुआ!
ज़ीस्त के सारे मसअले अक़्ल से हल किये जिसने!
दिल के मुआमले में उस ज़हीन का क्या हुआ!
हज़रत जॉन था ज़ो शायरी की दुनिया में!
सब जानते हैं उस गमगीन का क्या हुआ!
©Azeem Khan
#azeemkhan#Ek khyaal# @Shaaz_369 @Sircastic Saurabh @R Ojha @Kajal jha (kaju) BenZil (बैंज़िल)