White निभाने की सीमा ये है ,खुद को खुद ही के भीतर भूल जाती हूं ....
संबंधों की परीक्षा में अक्सर , प्रत्युत्तर भूल जाती हूं....
मत कर सितम मुझ पे यूं , जान ले फिर अंजाम क्या होगा....
गर अपनी पे आ जाऊं तो शब्दों का स्तर भूल जाती हूं.....
©हिमानी तूनवाल "हिम"
@Sethi Ji Ayushi Agrawal नितिन कुमार 'हरित'