महफ़िल महफिल में शोर को क्यों नहीं रहा वहां हूं के | हिंदी Poetry Video

"महफ़िल महफिल में शोर को क्यों नहीं रहा वहां हूं के बीच बो क्यो क्यों नहीं रहा कभी ऐसा लगता है कि वह बेजान है वह अपने तन में सुई चूभो क्यों नहीं रहा शमा शांत है हलचल नहीं है रात से बताओ उल्लू रो क्यो नहीं रहा ©ashish gupta "

महफ़िल महफिल में शोर को क्यों नहीं रहा वहां हूं के बीच बो क्यो क्यों नहीं रहा कभी ऐसा लगता है कि वह बेजान है वह अपने तन में सुई चूभो क्यों नहीं रहा शमा शांत है हलचल नहीं है रात से बताओ उल्लू रो क्यो नहीं रहा ©ashish gupta

#महफ़िल
महफिल में शोर को क्यों नहीं रहा
वहां हूं के बीच बो क्यो क्यों नहीं रहा

कभी ऐसा लगता है कि वह बेजान है
वह अपने तन में सुई चूभो क्यों नहीं रहा

शमा शांत है हलचल नहीं है रात से

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