इश्क़ है न चाह है,तुझे पाने की,
फिर भी करीब रहो,ये अच्छा लगता है!
ख्वाब है या हकीकत दर्मिया अपने,
फिर भी तुम्हे सोचना,अच्छा लगता है!
दूर हो न या करीब ही हो मेरे,
फिर भी तुम हम कदम हो,अच्छा लगता है!
अपने हो न पराये ही हो तुम,
फिर भी तुम मे गुम रहना,अच्छा लगता है!!
#GoodMorning❤️
©shubham bhardwaj
#merasheher