सब आँखों देखा हाल जो है
उन्हें पिरोके शब्दों में तुकबंदी करके लफ़्ज़ों में
कभी हिंदी डगर पे चलते है कभी उर्दू राह पकड़ते है
उम्मीदें कुछ बदलने की है कुछ लिखके कुछ संवरने की है
हर हर्फ़ ज़ुबाँ भी खोलता है कलम कई भाषा बोलता है
कवि या शायर वो होता जो राख से आग दडोलता है
चिंगारी को जो हवा दे अहसासों को जो उड़ा दे
बहते दरिया में बहा दे जज़्बातों को भी ज़ुबाँ दे
नई सोच सिरहाने लगाके किताबी दुनियाँ में जीता है
शायर, कवि वो होता है जो लिखता रोज़ कविता है
©दक्ष आर्यन
#WorldPoetryDay
#viral #poem #Poetry #Love #Shayari #Nojoto