किस्मत का ये कैसा प्रहार हैं,
दस जीतों के बाद परिणाम हार हैं,
कैसा अद्भुत खेल का ये द्वंद्व था,
अविस्मरणीय पलों का ये कैसा छंद था,
मैदान में प्रार्थनाओं की प्रज्ज्वलित पुंज थी,
हर खिलाड़ी, हर भारतीय के मन
मस्तिष्क में सिर्फ जीत की ही गूंज थी,
मेहनत के तरकश में हौसलों का तीर था,
एक बार भारत फिर से "world cup "
के बेहद करीब था,
माना जीत का ताज हमारे हाथों में न आया,
माना करोड़ों भारतीयों का ख्वाब
एक बार फिर पूरा न हो पाया,
लेकिन हमारे दल में "अर्जुन" सा विराट हैं,
हमारे इस रण में "कर्ण" सा रोहित भी
विद्यमान हैं,
भला हीरे को भी हीरे का उपहार दिया जाता हैं क्या,
भला सूर्य को भी दीपक दिखाया जाता हैं क्या,
जाज्वल्यमान सदा हमारा ये "भारत " रहेगा,
परिणाम कुछ भी हो ह्रदय में "तिरंगा"लहू बन बहेगा... 🇮🇳
©Anamika Patel
#Weloveindia