जिन्दगी में जब आपको अपनी समस्याएँ बहुत बड़ी लगने लगे , उस वक्त आप घर से निकलकर और से दिखाई देने वाले हर पहलू की देखिएगा , सड़क पर चलते लोग , भूखे नंगे बच्चे भीखारी उनकी तंगी , दो वक्त की रोटी के लिए गिड़गिड़ाते लोग
और जब कोई बीमारी तंग करने लगे तो कभी हॉस्पिटल जाकर लोगों को कहीं अधिक बदतर हालात जिनकी पीड़ा हृदय को रोने पर मजबूर कर दे , जब ये दृश्य आप देखेंगे तो
दर्दसच्च में उस वक्त आपको अहसास होगा की आप कितने सही हालात में है , लोग तो खून के आँसू रोने के लिए मजबूर है फिर भी देखो ना जीने का जज्बा लिए हुए हैं
खुद से लड़ रहे है अपनों की सलामती के लिए ईश्वर तक से लड़ रहे है , तो फिर आप मैं या कोई और क्यों नहीं ? जीने की वजह खोज निकालिए मौत तो वैसे भी बिन बताए आ ही जाती है और उस वक्त आप जिन्दगी की एक बूँद के लिए तरस जाएंगे । कहते है से इन्सानी जीवन न जाने कितनी योनियों से गुजरने के बाद हमें मिलता है और हम देखो इसकी कद्र नहीं सीख पाते बस इसे बर्बाद करने पर तुले रहते है , ना सही खान पान , ना सही आदतें खुद अपनी जान के दुश्मन बन बैठते है और फिर किस्मत को दोष देते है ऐसा भी क्या गुनाह हुआ हमसे
ये सवाल आए तो सोचना हर छोटे - बड़े सारे गुनाह याद तो जरूर आएँगे कुछ जान कर कि गई गलतियाँ तो कुछ अनजाने में कि गई होंगी ।
खुद को सुधारने और जिन्दगी को हर बार नए सिरे से शुरू करने के लिए हमेशा तैयार रहे कभी किसी के दुःख की कारण ना बने जहाँ गलती है । स्वीकार करना सीखे पर इसका ये मतलब नहीं किसी को अपने दुःख का कारण बनने देंगे नहीं बिल्कुल नहीं ........ अपनेपन की कद्र करें , स्वयं के लिए और उससे भी ज्यादा अपनों के लिए जीयें ।
©Timsi thakur