किस्मत से कैसे लड़ते हम? आगे को कैसे बढ़ते हम? तो | हिंदी शायरी

"किस्मत से कैसे लड़ते हम? आगे को कैसे बढ़ते हम? तोड़ दी मेरी बैसाखी को, एक कदम कैसे चलते हम? छोड़ दिया मुझको लहरों में, डूब गए,क्या करते हम? सीख लिया हमने भी जीना, कबतक यूं ऐसे जलते हम? सबने चोट लगाई चंचल, ज़ख़्म कहो कैसे भरते हम? ©Chanchal Hriday Pathak"

 किस्मत से कैसे लड़ते हम?
आगे को कैसे बढ़ते हम?

तोड़ दी मेरी बैसाखी को,
एक कदम कैसे चलते हम?

छोड़ दिया मुझको लहरों में,
डूब गए,क्या करते हम?

सीख लिया हमने भी जीना,
कबतक यूं ऐसे जलते हम?

सबने चोट लगाई चंचल,
ज़ख़्म कहो कैसे भरते हम?

©Chanchal Hriday Pathak

किस्मत से कैसे लड़ते हम? आगे को कैसे बढ़ते हम? तोड़ दी मेरी बैसाखी को, एक कदम कैसे चलते हम? छोड़ दिया मुझको लहरों में, डूब गए,क्या करते हम? सीख लिया हमने भी जीना, कबतक यूं ऐसे जलते हम? सबने चोट लगाई चंचल, ज़ख़्म कहो कैसे भरते हम? ©Chanchal Hriday Pathak

#किस्मत

People who shared love close

More like this

Trending Topic