ना तो बुरे वक्त में तेरी मुखालफत करनी है ना अच्छे | हिंदी शायरी

"ना तो बुरे वक्त में तेरी मुखालफत करनी है ना अच्छे वक्त में तेरे मुताबिक ढलना है मैं तो हूं खुद एक आज़ाद परिंदा मुझे तो बस अपने मनमुताबिक चलना है विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA"

 ना तो बुरे वक्त में तेरी मुखालफत करनी है

ना अच्छे वक्त में तेरे मुताबिक ढलना है

मैं तो हूं खुद एक आज़ाद परिंदा

मुझे तो बस अपने मनमुताबिक चलना है


विनीत कुमार मित्तल

©AWARA PARINDA

ना तो बुरे वक्त में तेरी मुखालफत करनी है ना अच्छे वक्त में तेरे मुताबिक ढलना है मैं तो हूं खुद एक आज़ाद परिंदा मुझे तो बस अपने मनमुताबिक चलना है विनीत कुमार मित्तल ©AWARA PARINDA

#मुखलफत

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