“मेघ पर तेरा नाम का एक ख़त लिखू
सात रंगों से रंगा वो पत्र लिखू
कड़क ना जाए बिजली ख़त बिखरे नहीं
ये पत्र बिना पढ़े तुम से दूर उड़े नहीं
प्रेम की क्या भाषा दू
अपनी क्या अभिलाषा दू
सूरज दादा कहीं उग ना जाए
मेरा ख़त कहीं सुख ना जाए
मेघ कहीं बरस ना जाए
मेरा पत्र कहीं मिट ना जाए"
©Ganga Singh Negi Gangadhar
#you&Me