White दवा जब दर्द बन जाए ,जताना पड़ता है हकीम की न | हिंदी Shayari

"White दवा जब दर्द बन जाए ,जताना पड़ता है हकीम की नादानी को ,बताना पड़ता है नशा न हो मगर लड़खड़ा जाते है हम शराब के इकबाल को ,बचाना पड़ता है ऋतेश मिश्र ©Ritesh Mishra"

 White दवा जब दर्द बन जाए ,जताना पड़ता है
हकीम की नादानी को ,बताना पड़ता है
नशा  न हो मगर लड़खड़ा जाते है हम 
शराब के इकबाल को ,बचाना पड़ता है 

ऋतेश मिश्र

©Ritesh Mishra

White दवा जब दर्द बन जाए ,जताना पड़ता है हकीम की नादानी को ,बताना पड़ता है नशा न हो मगर लड़खड़ा जाते है हम शराब के इकबाल को ,बचाना पड़ता है ऋतेश मिश्र ©Ritesh Mishra

#International_Day_Of_Peace

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