मजबूर हूं क्या इसलिए मजदूर हूं
या मजदूर हूं इसलिए मजबूर हूं
घर चलाने के खातिर शहर में आया
आज घर से ही कोसो दूर हूं
बहुत इमारतें बनाई शहरों में
पर खुद का घर गांव में टूट रहा
दूसरों का आशियाना बनाते संवारते
आज मेरे अपनों का साथ छूट रहा
लम्बी सडकें जिन्हे इन्ही हाथों से बनायी
आज वो सड़कें भी मेरे लिए बंद है
हवाई जहाज से आए इस रोग के दोष का
जनरल डब्बे वाले को मिल रहा दंड है।
-अजय
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