#OpenPoetry गुजरे कल मे मुहबबत मुझे आती नही थी औ | हिंदी Shayari

"#OpenPoetry गुजरे कल मे मुहबबत मुझे आती नही थी और आज है की दिन रात उसके ही इंतजार में कट् रहे हैं।"

 #OpenPoetry गुजरे कल मे 
मुहबबत मुझे आती नही थी 
और आज है की दिन रात 
उसके ही इंतजार में कट् रहे हैं।

#OpenPoetry गुजरे कल मे मुहबबत मुझे आती नही थी और आज है की दिन रात उसके ही इंतजार में कट् रहे हैं।

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