अंदाज़ ।ॐ।यह मेरा हैं मैं जेसे भी लगाऊ ये ठेहरा है | हिंदी शायरी
"अंदाज़ ।ॐ।यह मेरा हैं
मैं जेसे भी लगाऊ
ये ठेहरा हैं क्यूँ ना इसको
आगे बड़ाऊ सब अपने अपने
तरीके से लगाते हैं सब अपने अपने
तरीके से लगाते हैं क्यूँ ना मैं
अपना अंदाज़ सबसे हटके
बनाऊ।।ॐ।।.
kkc"
अंदाज़ ।ॐ।यह मेरा हैं
मैं जेसे भी लगाऊ
ये ठेहरा हैं क्यूँ ना इसको
आगे बड़ाऊ सब अपने अपने
तरीके से लगाते हैं सब अपने अपने
तरीके से लगाते हैं क्यूँ ना मैं
अपना अंदाज़ सबसे हटके
बनाऊ।।ॐ।।.
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