White मुकम्मल सी ज़िंदगी के, ख्वाब क्यूँ न पूरे ह | हिंदी शायरी

"White मुकम्मल सी ज़िंदगी के, ख्वाब क्यूँ न पूरे हैं.. आंचल में थोड़े लम्हे थे, बिन साथ क्यूँ अधूरे हैं..? 🍁🍁🍁 ©Neel"

 White मुकम्मल सी ज़िंदगी के, ख्वाब क्यूँ  न पूरे हैं..
आंचल में थोड़े लम्हे थे, बिन साथ क्यूँ अधूरे हैं..?

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©Neel

White मुकम्मल सी ज़िंदगी के, ख्वाब क्यूँ न पूरे हैं.. आंचल में थोड़े लम्हे थे, बिन साथ क्यूँ अधूरे हैं..? 🍁🍁🍁 ©Neel

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