White चांद की गहरी चमक से | हिंदी Poetry

"White चांद की गहरी चमक से हुस्न का दीदार कुछ ऐसे हुआ ना दिखा जुल्फों की काली छांव में वो चांदनी भी छिप गई । प्यार की पहली नजर से इश्क में दरकार कुछ ऐसे हुआ गुल खिला पतझड़ में भी सावन घटा बिना बारिश झड़ गई । इश्क की दुनिया में क्यूं भाव का व्यापार कुछ ऐसे हुआ ना मिला वो खरा सोना वक्त जाते ही वो चीज बिक गई । ©Ajay Tanwar Mehrana"

 White               चांद की गहरी चमक से 
               हुस्न का दीदार कुछ ऐसे हुआ 
                  ना दिखा जुल्फों की काली
              छांव में वो चांदनी भी छिप गई ।


                   प्यार की पहली नजर से 
               इश्क में दरकार कुछ ऐसे हुआ 
          गुल खिला पतझड़ में भी सावन घटा 
                    बिना बारिश झड़ गई ।


                    इश्क की दुनिया में क्यूं 
              भाव का व्यापार कुछ ऐसे हुआ 
                    ना मिला वो खरा सोना 
              वक्त जाते ही वो चीज बिक गई ।

©Ajay Tanwar Mehrana

White चांद की गहरी चमक से हुस्न का दीदार कुछ ऐसे हुआ ना दिखा जुल्फों की काली छांव में वो चांदनी भी छिप गई । प्यार की पहली नजर से इश्क में दरकार कुछ ऐसे हुआ गुल खिला पतझड़ में भी सावन घटा बिना बारिश झड़ गई । इश्क की दुनिया में क्यूं भाव का व्यापार कुछ ऐसे हुआ ना मिला वो खरा सोना वक्त जाते ही वो चीज बिक गई । ©Ajay Tanwar Mehrana

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