वो भारत का रखवाला, आजादी के राह पे निकले थे भारत माँ के लाल
फन्दे को भी चूम लिया समझ फूलो का हार
फिरंगी सारे खोफ उठे
जब हस्ते हुए पहना लिया था मौत का हार...!!!!
मे जला हुआ राख नहीं
अमर ज्योती दीप हूँ
जो मर मिट गया वतन पे
मे वो अमर शहीद हूँ ...!!!
सरफरोश एक वो इंकलाब की कहानी,,,
लहू से भीगा मेरा हर लफ्ज़ था हिंदुस्तानी ।
- भगतसिंह
फांसी का फंदा नहीं वो आजादी का प्यार था,,,
जो आज भी हमारे तस्वीर पे लगते है उन फूलों का हार था।
-राजगुरु
जश्न आजादी का मुबारक हो देशवालों को,,,
फूलों के फंदे से मोहब्बत थी हम देश के रखवालों को।
-सुखदेव
©Vaishnavi Mittal
मे जला हुआ राख नहीं
अमर ज्योती दीप हूँ
जो मर मिट गया वतन पे
मे वो अमर शहीद हूँ ...!!!
#saviour