सच कहूँ कभी-कभी ना वो दोस्त बहुत याद आते हैं
जो आज कहीं किसी मोड़ पर छुट गए
अब बातें बहुत कम होती है उनसे
जिनके साथ घंटों बीत जाते थे
कभी खाते कभी घूमते कभी मस्तियाँ भी करते साथ में
कभी चुटकुलों से ठहाके लगाते
कभी एक दूसरे की खिचाई करते
सच कहूँ वो छूट गए दोस्त बहुत याद आते हैं
यूँ तो कहते हैं लोग दोस्ती समय की मोहताज नहीं होती
मगर जीवन में एक समय भी आता है
जब दोस्ती समय की भी मोहताज लगती है
बस उन दोस्तों से यही कहना
यार! बहुत याद आती है तुमलोगों की
©Priyanka Pandit (परी)
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