मुक्तक " बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती | हिंदी Shayari

""मुक्तक " बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती है। कम शब्दों में छुपे गहरे अर्थों से मुलाक़ात होती है।। जीवनचक्र बहुत अनमोल इसका मोल तुम समझो। एक पल में दिन यहां और एक पल में रात होती है।। बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती है। मन था तेरा बस जीतना जग से भले मात होती है।। तुझे सब कर दिया अर्पन प्रेम में मांगा नहीं कुछ भी। अश्रु मेरे आंखों का जल जेसे कोई बरसात होती है।। ©Roohi Quadri"

 "मुक्तक "
बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती है।
कम शब्दों में छुपे गहरे अर्थों से मुलाक़ात होती है।।
 जीवनचक्र बहुत अनमोल इसका मोल तुम समझो।
 एक पल में दिन यहां और एक पल में रात होती है।।

                            
  बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती है।
  मन था तेरा बस जीतना जग से भले मात होती है।।
 तुझे सब कर दिया अर्पन प्रेम में मांगा नहीं कुछ भी।
  अश्रु मेरे आंखों का जल जेसे कोई बरसात होती है।।

©Roohi Quadri

"मुक्तक " बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती है। कम शब्दों में छुपे गहरे अर्थों से मुलाक़ात होती है।। जीवनचक्र बहुत अनमोल इसका मोल तुम समझो। एक पल में दिन यहां और एक पल में रात होती है।। बिना मुख से कहें कुछ भी सुनो जब बात होती है। मन था तेरा बस जीतना जग से भले मात होती है।। तुझे सब कर दिया अर्पन प्रेम में मांगा नहीं कुछ भी। अश्रु मेरे आंखों का जल जेसे कोई बरसात होती है।। ©Roohi Quadri

#silencespeaks

#TereHaathMein

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