तेरी गालियों का आवारा शाम हूं मैं
तेरे रूठने पर मनाने का अंजाम हूं मैं
तेरे आंखों से की गयी बातों का अल्फाज हूं मैं
उसके बाद जो उतरे जेहन में वो एहसास हूं मैं
और तेरी हर बातों का अटूट विश्वास हूं मैं
और जो तेरे सपनों में रहे वो याद हूं मैं ।।
©amansingh6295
#Yaad
तेरी गालियों का आवारा शाम हूं मैं
तेरे रूठने पर मनाने का अंजाम हूं मैं
तेरे आंखों से की गयी बातों का अल्फाज हूं मैं
उसके बाद जो उतरे जेहन में वो एहसास हूं मैं
और तेरी हर बातों का अटूट विश्वास हूं मैं